School Pledge

India is my country and all Indians are my brothers and sisters.

I love my country and I am proud of its rich and varied heritage.

I shall always strive to be worthy of it.

I shall give respect to my parents, teachers and elders and treat everyone with courtesy.

To my country and my people, I pledge my devotion.

In their well being and prosperity alone, lies my happiness.

Jai Hind !

 

छात्र प्रतिज्ञा

 

भारत हमारा देश है। हम सब भारतवासी भाई-बहन हैं।

हमें अपना देश प्राणों से भी प्यारा है। इसकी समृद्धि और विविध संस्कृति पर हमें गर्व है।

हम इसके सुयोग्य अधिकारी बनने का प्रयन्त सदा करते रहेंगे।

हम अपने माता-पिता, शिक्षकों और गुरुजनों का आदर करेंगे और सबके साथ शिष्टता का व्यवहार करेंगे।

हम अपने देश और देशवासियों के प्रति वफ़ादार रहने की प्रतिज्ञा करते हैं।

उनके कल्याण और समृद्धि में ही हमारा सुख निहित है।   जय हिन्द !

 

 

National Anthem

जन-गण-मन अधिनायक जय हे,

भारत भाग्य विधाता!

पंजाब-सिंधु-गुजरात-मराठा,

द्राविड़-उत्कल-बंग

विन्ध्य  हिमाचल यमुना गंगा,

उच्छल जलधि तरंग

तव शुभ नामे जागे,

तव शुभ आशिष  माँगे,

गाहे तव जय गाथा।

जन-गण-मंगलदायक जय हे,

भारत भाग्य विधाता!

जय हे! जय हे! जय हे! जय जय जय जय हे!

 

School Anthem (कुलगीत)

तिमिर रिपु है आशुतोष का,

जगमग जलता जाएगा,

हम नन्हे प्यारे बच्चों का,

उज्जवल भविष्य हो जाएगा ।

सुर सरिता के तट पर स्थित,

भूमि धनैचा को रक्षित,

इतिहास बृहत बनाएगा,

तिमिर रिपु है आशुतोष का,

जगमग जलता जाएगा ||

पठन न केवल लक्ष्य यहां पर,

अनुशासन का पक्ष यहां पर,

संयम, ज्ञान, सुयोग्य, समर्पण,

मानवता का अक्ष यहाँ पर ।

सत्य विजय पथ पर यह प्रेषित,

जन-जन को संदेश सुनाएगा,

तिमिर रिपु है आशुतोष का,

जगमग जलता जाएगा ||

 

नव विज्ञान प्रकाश कक्ष हैं,

ललित कला रसपान कक्ष हैं,

औषधि के भंडार सहित,

सर्व सुलभ उपचार कक्ष हैं |

परिवर्तन का प्रतिमान लिए यह,

पुष्पित जग महकाएगा,

तिमिर रिपु है आशुतोष का,

जगमग जलता जाएगा ||

 

मार्ग नहीं सुगम है फिर भी,

सपनों को साकार करेंगे,

कृष्ण कनिष्ठा बन कर हम,

गोवर्धन का उत्थान करेंगे ।

फिर वसुधा के हर कोने में,

भारत ध्वज लहराएगा,

तिमिर रिपु है आशुतोष का,

जगमग जलता जाएगा ||

 

 

Gayatri Mantra

गायत्री मंत्र

ॐ भूर्भुवः स्वः ।

तत् सवितुर्वरेण्यं ।

भर्गो देवस्य धीमहि ।

धियो यो नः प्रचोदयात् ॥

Morning Prayer of AMS

सुबह सवेरे लेकर तेरा नाम प्रभु,

करते हैं हम शुरु आज का काम प्रभु ।

सुबह सवेरे लेकर तेरा नाम प्रभु,

करते हैं हम शुरु आज का काम प्रभु ।

शुद्ध भाव से तेरा ध्यान लगाएं हम,

विद्या का वरदान तुम्हीं से पाएं हम ।

शुद्ध भाव से तेरा ध्यान लगाएं हम,

विद्या का वरदान तुम्हीं से पाएं हम ।

हाँ, विद्या का वरदान तुम्हीं से पाएं हम ।

तुम्ही से है आगाज़ तुम्हीं से अंजाम प्रभु,

करते है हम शुरु आज का काम प्रभु ।

सुबह सवेरे लेकर तेरा नाम प्रभु,

करते हैं हम शुरु आज का काम प्रभु ।

गुरुओं का सत्कार कभी न भूलें हम,

इतना बनें महान गगन को छु लें हम ।

गुरुओं का सत्कार कभी न भूलें हम,

इतना बनें महान गगन को छु लें हम ।

हाँ, इतना बनें महान गगन को छु लें हम ।

तुम्हीं से है हर सुबह तुम्ही से शाम प्रभु,

करते है हम शुरु आज का काम प्रभु ।

सुबह सवेरे लेकर तेरा नाम प्रभु,

करते हैं हम शुरु आज का काम प्रभु ।

सुबह सवेरे लेकर तेरा नाम प्रभु,

करते हैं हम शुरु आज का काम प्रभु

करते हैं हम शुरु आज का काम प्रभु

करते हैं हम शुरु आज का काम प्रभु ।

Lunch Prayer

Bless us, O God, as we sit together,

Bless the food we eat today,

Bless the hands that made the food,

Bless us, O God.

Day off Prayers at AMS

जिसने सूरज चाँद बनाया

जिसने तारों को चमकाया।

जिसने फूलों को महकाया

जिसने चिड़ियों को चहकाया।

जिसने सारा जगत बनाया।

जिसने रची हमारी काया।

उस ईश्वर को सदा मनाएँ

उस प्रेंम से शीश झुकाएँ।

त्वमेव माता च पिता त्वमेव।

त्वमेव बन्धुश्च सखा त्वमेव।

त्वमेव विद्या द्रविणम् त्वमेव।

त्वमेव सर्वम् मम देव देव।